नेताजी कोरोना वायरस को कोसते नहीं थक रहे हैं। इस नामाकूल ने एन वक्त पर आकर उनकी होली का रंग उड़ा दिया है। साल भर में कुछ ही ऐसे मौके आते हैं जब नेताजी के घर जिला प्रशासन का निमंत्रण पहुंचता है। जिसकी वे सालभर प्रदर्शनी लगाकर अपनी नेतागिरी चमकाते हैं। कार्यक्रम होली और रंगो का होता है लेकिन नेताजी इतने खुश होते हैं कि वे इस एक घंटे के कार्यक्रम के लिए नये कपड़े सिलाते हैं। इस बार होली मिलन कार्यक्रम को सारी तैयारियां पूरी होने के बावजूद अचानक टाल दिया गया। डीएम साहब के एक फैसले ने जिले के 1500 छोटे-बड़े उभरते नेताओं के सपनों को कुचल डाला। खूब समझाया कि कार्यक्रम निरस्त करने की जरूरत नहीं है लेकिन अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनी। अब ये सभी दिन रात बस यही कह रहे हैं कोरोना होली के बाद नहीं आ सकता था।
फोन कॉल ने टाला कोरोना संकट
चीन के रास्ते दुनिया भर में फैल रहे कोराना वायरस ने मेरठ में भी लोगों की नींद उड़ा रखी है। मौत के खौफ में घिरी जनता भले ही तमाम सावधानियां बरत रही हो लेकिन उससे भी ज्यादा परेशान जिम्मेदार अफसर हैं। एक भी संक्रमित मरीज मिलने पर उनकी मुसीबत आना तय है। लिहाजा मंडल से लेकर जिलास्तर अधिकारी भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि मेरठ में कोई कोरोना का मरीज न बने। दो दिन पहले तीन बीमार लोग अस्पताल पहुंचे तो स्वास्थ्य महकमे से लेकर पुलिस और प्रशासन तक की नींद उड़ गई। जांच के लिए नमूने दिल्ली भेजे गए। जांच रिपोर्ट ने भी खासा इंतजार कराया। तीन दिन बाद रविवार रात में दिल्ली से आई फोन कॉल ने जैसे अफसरों को नया जीवन दे दिया। तीनों नमूनों में कोरोना वायरस की जांच निगेटिव बताई। जिसके बाद साहबलोग बेफिक्र होकर सो सके।